गर्भस्थापन के लिए उपयोगी प्रयोग

गर्भस्थापन के लिएः

गर्भस्थापन :ऋतुकाल में यदि वन्ध्या स्त्री पुष्य नक्षत्र में लाकर रखे हुए वटशुंग (बड़ के कोंपलों) के चूर्ण को जल के साथ सेवन करे तो उसे अवश्य गर्भधारण होता है। – आयुर्वेदाचार्य शोढल

बल-वीर्य की वृद्धिः

बड़ के कच्चे फल छाया में सुखा के चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। 10 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 40 दिन तक सेवन करने से बल-वीर्य और स्तम्भन (वीर्यस्राव को रोकने की) शक्ति में भारी वृद्धि होती है।

निम्न रक्तचाप में:

10 बूँद बरगद का दूध, लहसुन का रस आधा चम्मच तथा तुलसी का रस आधा चम्मच इन तीनों को मिलाकर चाटने से निम्न रक्तचाप में आराम मिलता है।

छाइयाँ :

बरगद का दूध चेहरे पर प्रतिदिन मलें। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से धो डालें। बरगद के दूध में बहुत शक्ति व शीतलता होती है। इससे एक सप्ताह में आपकी छाइयाँ समाप्त हो

गाँठ:

शरीर में कहीं गठान हो तो प्रारम्भिक स्थिति में तो गाँठ बैठ जाती है और बढ़ी हुई स्थिति में पककर फूट जाती है।

अतिसार में:

दूध को नाभि में भरकर थोड़ी देर लेटने से अतिसार में आराम होता है।

बिवाइयाँ:

हाथ पैर में बिवाइयाँ फटी हों तो उसमें बरगद का दूध लगाने से ठीक हो जाती हैं।

दाँत का दर्द :

दाँतों में बड़ का दूध लगाने से दाँत का दर्द समाप्त हो जाता है।

 


Rajesh Tamrakar

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ऋण(कर्ज ) मुक्ति के सरल उपाय

 ऋण(कर्ज ) मुक्ति के सरल उपाय

           
     वर्तमान समय में जादातर लोग अपनी सुविधाओ को अपनाने के लिए कर्ज लेते है  परन्तु वे यह नहीं सोचते की यह लोन समय पर वापस होगा या नहीं  .जब हम लोन या क़र्ज़ हम पर बड़ता  जाता है तो बहूत सारी परेसानिया हमारे जीवन में आती है . इसलिए आप जब भी क़र्ज़ लेने की सोच रहे हो तो ज्योतिष की सलाह अवस्य ले ताकि हमारे आनेवाले जीवन में कोई परेशानी न हो और हमारा पारिवारिक जीवन सुखमय रहे …       

1॰ चर लग्न मेष, कर्क, तुला व मकर में कर्ज लेने पर शीघ्र उतर जाता है। लेकिन, चर लग्न में कर्जा दें नहीं। चर लग्न में पांचवें व नवें स्थान में शुभ ग्रह व आठवें स्थान में कोई भी ग्रह नहीं हो, वरना ऋण पर ऋण चढ़ता चला जाएगा।
2॰ किसी भी महीने की कृष्णपक्ष की 1 तिथि, शुक्लपक्ष की 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13 पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।
3॰ हस्त नक्षत्र रविवार की संक्रांति के वृद्धि योग में कर्जा उतारने से मुक्ति मिलती है।
4॰ कर्ज मुक्ति के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें एवं लिए हुए कर्ज की प्रथम किश्त मंगलवार से देना शुरू करें। इससे कर्ज शीघ्र उतर जाता है।
5॰ कर्ज लेने जाते समय घर से निकलते वक्त जो स्वर चल रहा हो, उस समय वही पांव बाहर निकालें तो कार्य सिद्धि होती है, परंतु कर्ज देते समय सूर्य स्वर को शुभकारी माना है।
6॰ लाल मसूर की दाल का दान दें।
7॰ वास्तु अनुसार ईशान कोण को स्वच्छ व साफ रखें।
8॰ वास्तुदोष नाशक हरे रंग के गणपति मुख्य द्वार पर आगे-पीछे लगाएं।
9॰ हनुमानजी के चरणों में मंगलवार व शनिवार के दिन तेल-सिंदूर चढ़ाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं। हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें।
10॰ ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्लपक्ष के बुधवार से नित्य पाठ करें।
11॰ बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है
12॰ सरसों का तेल मिट्टी के दीये में भरकर, फिर मिट्टी के दीये का ढक्कन लगाकर किसी नदी या तालाब के किनारे शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय जमीन में गाड़ देने से कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
13॰ सिद्ध-कुंजिका-स्तोत्र का नित्य एकादश पाठ करें।
14॰ घर की चौखट पर अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल शनिवार के दिन लगाएं।
15॰ श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। यह कार्य नियमित रुप से ७ शनिवार को किया जाना चाहिए।
16॰ ५ गुलाब के फूल, १ चाँदी का पत्ता, थोडे से चावल, गुड़ लें। किसी सफेद कपड़े में २१ बार गायत्री मन्त्र का जप करते हुए बांध कर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा ७ सोमवार को करें।
17॰ ताम्रपत्र पर कर्जनाशक मंगल यंत्र (भौम यंत्र) अभिमंत्रित करके पूजा करें या सवा चार रत्ती का मूंगायुक्त कर्ज मुक्ति मंगल यंत्र अभिमंत्रित करके गले में धारण करें


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भाग्य को मजबूत करे …

संसार में जो जो प्राणी जन्म लेता है वह अपना भाग्य पहले से ही लिखाकर आता है अत: भाग्य को कोई बदल नहीं सकता परन्तु सकारात्मक उपायों को अपनाकर हम भाग्य को मजबूत कर सकते है ……। भाग्य को मजबूत करने के निम्न उपाय है …….


भाग्य को जागृत करने के आसान उपाय:——
घर को भाग्यवर्धक बनाएं, किस्मत चमकाएं
ईश्वर सर्वशक्तिमान है। ग्रह-नक्षत्र और देवी-देवता सभी उसके अधीन है। ईश्वर के बाद ईश्वर की प्रकृति महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार प्रकृति ने रोग, शोक या अन्य घटना, दुर्घटना को प्रदान किया उसी प्रकार उसने उक्त सभी से बचने के उपाय भी दिए हैं।

प्रकृति में ही है वह उपाय जिससे आप अपनी सकारात्मक ऊर्जा का विकास कर अपने भाग्य को जागृत कर सकते हैं।

घर को बनाएं भाग्यवर्धक : –
1. घर हो वास्तु अनुसार।
2. घर का द्वार उत्तर, पश्चिम या पूर्व दिशा में हो।
3. घर सदा साफ-सुधरा रखें।
4. घर के भीतर अनावश्यक वस्तुएं नहीं रखें।
5. घर में ढेर सारे देवी और देवताओं के चित्र या मूर्तियां न रखें।
6. घर का ईशान कोण हमेशा खाली रखें या उसे जल का स्थान बनाएं।
7. दरवाजे के ऊपर भगवान गणेश का चित्र और दाएं-बाएं स्वस्तिक के साथ लाभ-शुभ लिखा हो।
8. घर में मधुर सुगंध और संगीत से वातावरण को अच्छा बनाएं। रात्रि में सोने से पहले घी में तर किया हुआ कपूर जला दें।

शरीर को बनाएं भाग्यवर्धक :-

1. जिस तरह वास्तु अनुरूप घर ही उत्तम फलदायी होता है, उसी तरह योग या व्यायाम से शरीर का वास्तु भी सुधारें।
2. फास्ट फूड, जंक फूड, स्पाइसी फूड, ग्रेवी फूड, ऑइली फूड आदि सभी को छोड़कर शुद्ध सात्विक और संपूर्ण आहार का चयन करें। भोजन के बाद मीठा खाना या फल लेना अति उत्तम।
3. शरीर को हमेशा सुगंधित और साफ-सुधरा बनाए रखें।
4. व्यवहार भी शरीर की प्रकृति है उसे उत्तम बनाएं। अनुचित व्यवहार से दूर रहें।
5. प्रतिदिन ईश्वर की प्रार्थना करें। प्रार्थना से शरीर और मन स्वस्थ तथा शांतिमय बना रहता है।
6. सभी तरह के व्यसन से दूर रहें।
7. सत्यवादी रहकर एकनिष्ठ बनें। इससे लक्ष्य और निर्णय का विकास होता है, साथ ही दिमाग शक्तिशाली बनता है।

भाग्यवर्धक वस्तुएं :-

1. रुद्राक्ष
2. शंख
3. घंटी
4. स्वस्तिक का चिह्न
5. ऊं का लॉकेट
6. कलश
7. गंगाजल
8. मौली (कलाई पर बंधने वाला नाड़ा)
4. कमल गट्टे, तुलसी या रुद्राक्ष की माला।
5. सालग्राम और पंच देव की पीतल की मूर्ति।
6. दीवार पर लगा प्रकृति का चित्र या हंसमुख परिवार का चित्र।

भाग्यवर्धक पौधे :-

1. केला
2. तुलसी
3. मनी प्लांट
4. अनार
5. पीपल
6. बड़
7. आम
8. जामफल

भाग्यवर्धक पशु-पक्षी :-
1. गाय-बैल
2. चिड़ियां
3. कुत्ता
4. घोड़ा
5. भैस।


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वास्तु और झाड़ू की उपयोगिता

    वास्तु और  झाड़ू की उपयोगिता   

झाड़ू के मान-सम्मान से घटती-बढती हैं घर की आमदनी..वास्तु की मान्यता है कि घर के कचरे में कई प्रकार की नकारात्मक शक्तियां विद्यमान होती हैं जो घर और वहां रहने वाले सभी सदस्यों पर बुरा प्रभाव डालती हैं। इसके साथ ही परिवार की सुख-शांति में भी परेशानियां उत्पन्न हो जाती हैं। इनसे निजात पाने के लिए घर को एकदम साफ और स्वच्छ रखने के लिए झाड़ू का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। इसका किसी भी प्रकार से अनादर नहीं होना चाहिए।

——यदि घर में झाड़ू सबके सामने रखा जाता है तो कई बार अन्य लोगों के पैर उस पर लगते हैं जो कि अशुभ है। इससे घर पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ता है और धन संबंधी परेशानियां भी बढ़ती हैं। इसी वजह से झाड़ू को एक तरफ छुपाकर रखना चाहिए, जहां किसी की नजर ना पहुंच सके। झाड़ू को दरवाजे के पीछे रखना काफी शुभ माना गया है। देवी लक्ष्मी का पूरा सम्मान करने पर ही वे हमारे घर पर कृपा बनाए रखेंगी।

——शास्त्रों के अनुसार धन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने के लिए धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना श्रेष्ठ उपाय है। इसके साथ ही सभी के घर में साफ-सफाई के लिए झाड़ू अवश्य ही होती है। झाड़ू को महालक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है जो गंदगी और धूल मिट्टी में निवास करने वाली दरिद्रता को रोज हमारे घर से बाहर करती है।

——-घर की साफ-सफाई सभी करते हैं और इस काम के लिए घरों में झाड़ू अवश्य ही रहती है। शास्त्रों के अनुसार झाड़ू के संबंध कई महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं।झाड़ू को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, जब यह घर की गंदगी, धूल-मिट्टी साफ करती है तो इसका मतलब यही है कि देवी महालक्ष्मी हमारे घर से दरिद्रता को बाहर निकाल देती है।घर में कई वस्तुएं होती हैं कुछ बहुत सामान्य रहती है। इनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। ऐसी चीजों में से एक है झाड़ू। जब भी साफ-सफाई करना हो तभी झाड़ू का काम होता है। अन्यथा इसकी ओर कोई ध्यान नहीं देता। घर यदि साफ और स्वच्छ रहेगा तो हमारे जीवन में धन संबंधी कई परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं।जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए।

——जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। वास्तु के अनुसार भी ऐसी मान्यता है कि यदि झाड़ू बाहर दिखाई देती है तो घर में कलह होता है। साथ ही माना जाता है कि झाड़ू का पैर लगने से उसका अपमान होता है। इसीलिए झाड़ू को हमेशा छुपाकर रखना चाहिए जहां किसी की नजर एकदम ना पड़े क्योंकि मान्यता है कि इससे घर की बरकत जाती है।

——-झाड़ू वैसे तो एक सामान्य सी चीज है लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्राचीन परंपराओं को मानने वाले लोग आज भी झाड़ू पर पैर लगने के बाद उसे प्रणाम करते हैं ।

——-विद्वानों के अनुसार झाड़ू पर पैर लगने से महालक्ष्मी का अनादर होता है। झाड़ू घर का कचरा बाहर करती है और कचरे को दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में पूरी साफ-सफाई रहती है वहां धन, संपत्ति और सुख-शांति रहती है। इसके विपरित जहां गंदगी रहती है वहां दरिद्रता का वास होता है। ऐसे घरों में रहने वाले सभी सदस्यों को कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण घर को पूरी तरह साफ रखने पर जोर दिया जाता है ताकि घर की दरिद्रता दूर हो सके और महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके।

——-घर से दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धन-धान्य, सुख-संपत्ति प्रदान करती है। जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। इसके अलावा झाड़ू को अलग रखने से उस पर किसी का पैर नहीं लगेगा ।ऐसे ही झाड़ू के कुछ सतर्कता के नुस्खे अपनाये गये उनमें से आप सब के समक्ष है जैसे :-

—-झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए।

—– ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है।

—-झाड़ू हमेशा साफ रखें ,गिला न छोडे ।

—–ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें।

—– झाड़ू को कभी घर के बाहर बिखरकर न फहके ,जलाना नहीं चाहिए।

—– शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए।

—– सपने मे झाड़ू देखने का मतलब है नुकसान

—— घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

—-पूजा घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्वी कोने में झाडू व कूड़ेदान आदि नहीं रखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में बरकत नहीं रहती है इसलिए वास्तु के अनुसार अगर संभव हो तो पूजा घर को साफ करने के लिए एक अलग से साफ कपड़े को रखें।

 
 
 
 

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लोकप्रियता बढ़ाने के ये 5 उपाय

लोकप्रियता बढ़ाने के ये 5 उपाय 

वर्तमान समय में सभी के मन में लोकप्रिय या प्रसिद्द होना चाहते है  । ऐसे में प्रसिद्धी  बढ़ाना भला कौन नहीं चाहेगा! आइए, आज आपको ऐसे 5 उपाय के बारे में बताते हैं, जो आपकी लोकप्रियता और सम्मान को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकते हैं।

1. सभी ऐकडेमिक सर्टिफिकेट्स और डिग्रियों को घर के दक्षिणी हिस्से में रखना बेहतरीन फलदायक माना जाता है।

2. आप फूल-पत्तियों के शौकीन न भी हों तो भी ये फंडा जरूर अपनाएं। अपने गार्डन के दक्षिणी हिस्से में लाल फूलों वाले पौधे लगा सकते हैं। यदि गार्डन की सुविधा न हो तो इसे घर के अंदर भी रखा जा सकता है।

— 3. अपने घर के दक्षिणी कोने में पक्षियों को जगह दे सकते हैं। यह शुभ संकेतात्मक होते हैं।


4. घर में पेटिंग्स रखना हर किसी का शौक होता है। लेकिन इसे घर में रखने के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। इसे घर के दक्षिणी हिस्से में और 3 या 9 के समूह में रखें। यदि इन पेंटिंग्स के लिए लाल रंग के फ्रेम का इस्तेमाल करें तो यह आपकी ऊर्जा को और भी बढ़ा सकता है।

5. घर की दक्षिणी दीवार यदि लाल रंग की हो तो बेहतर है। घर में रोशनी का ध्यान जरूर रखें। जरूरत हो तो इस हिस्से में मोमबत्तियों का इस्तेमाल कर सकते हैं, यह काफी शक्तिशाली उर्जा का संचार करता है।

 
 

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शनि जयंती और शनि अमावस्या पर ये दुर्लभ योग, करें शनि को खुश

शनि जयंती और शनि अमावस्या पर 

 ये दुर्लभ योग, करें शनि को खुश

शनि महाराज का जन्म जेष्ठ माह की अमावस्या तिथि को हुआ था। यह तिथि इस साल आठ जून को है। कन्या, तुला एवं वृश्चिक राशि वालों की इन दिनों साढ़ेसाती चल रही है और कर्क एवं मीन राशि वाले शनि की ढैय्या के प्रभाव में हैं।

इनके अलावा जिन लोगों की कुण्डली में शनि की दशा चल रही है उनके लिए शनि के प्रकोप में कमी लाने के लिए शनि जयंती बहुत उत्तम दिन है। इस वर्ष शनि जयंती पर बहुत ही दुर्लभ योग बन रहा है जो इस मौके को और भी प्रभावशाली बना रहा है।

ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि शनि न्यायकर्ता के साथ ही साथ भाग्य विधाता भी हैं। जिनकी कुण्डली में शनि नवम भाव में बैठे हों अथवा जिनका जन्म मिथुन अथवा वृष लग्न में होता है शनि उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इन्हें शनि देव को हमेशा खुश रखना चाहिए।

इन लोगों को शनि जयंती पर शनि की पूजा करनी चाहिए और शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्री चन्द्रप्रभा के अनुसार तिथियों में अमावस्या तिथि के स्वामी शनि महाराज हैं। हर साल अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनायी जाती है लेकिन बड़ी बात यह है कि इस वर्ष शनि जयंती 8 जून को है।

अंक ज्योतिष में शनि का अंक आठ माना गया है। दूसरा बड़ा संयोग ये है कि शनि जयंती शनिवार को पड़ रही है। शनि महाराज का जन्म इसी दिन हुआ है। इसलिए वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि शनिवार के स्वामी शनि महाराज हैं। एक अन्य शुभ संयोग यह है कि शनि महाराज इन दिनों अपनी उच्च राशि तुला में चल रहे हैं।

इसलिए इस वर्ष शनिवार का दिन शनिमय हो गया है। जीवन में कभी न कभी शनि का प्रभाव सभी के जीवन पर पड़ता है इसलिए शनि को हमेशा खुश रखें ताकि इनकी दशा में कष्ट नहीं सुख ही सुख प्राप्त हो।

कन्या का शीघ्र विवाह कराने के लिए सरल उपाय

 

कन्या का शीघ्र विवाह कराने के लिए सरल उपाय 

जन्मकुंडली में कई ऐसे योग होते हैं जिनकी वजह से किसी भी व्यक्ति फिर वो चाहे पुरुष हो या स्त्री अपने जीवन की सबसे बड़ी खुशी विवाह से वंचित रह जाते हैं….साथ ही कई बार ये रूकावट बाहरी बाधाओं या प्रारब्ध की वजह से भी आतीहैं. फिर चाहे लाख प्रयास करते जाओ उम्र लगातार बढ़ते जाती है पर एक तो रिश्ते आते नहीं हैं,और यदि आते भी हैं तो अस्वीकृति के अलावा और कुछ प्राप्त नहीं होता है. लोग लाख उपाय करते रहते हैं पर समस्या का समुचित निदान नहीं हो पाता है। 
परन्तु निम्न प्रयोग नाथ सिद्धों की अद्भुत देनहै समाज,को जिसके प्रयोग से कैसी भी विपरीत स्थिति की प्रतिकूलता अनुकूलता में परिवर्तित होती ही है और विवाह के लिए श्रेष्ट संबंधों की प्राप्ति होती ही है । 
प्रयोग:-

किसी भी शुभ दिवस पर मिटटी का एक नया कुल्हड़ लाएँ तथा उसमे एक लाल वस्त्र,सात काली मिर्च एवं सात ही नमक की साबुत कंकड़ी रख दें, हांडी का मुख लाल कपडे से बंद कर दें एवँ कुल्हड़ के बाहर कुमकुम की सात बिंदियाँ लगा दे फिर उसे सामने रख कर निम्न मंत्र की ५ माला जप करेँ । मन्त्र जप के पश्चात हांडी को चौराहे पर रखवा देँ. इस प्रयोग का असर देख कर आप आश्चर्यचकित रह जायेंगे । 

मन्त्र-

गौरी आवे ,शिव जो ब्यावे.अमुक को विवाह तुरंत सिद्ध करेँ, देर ना करेँ, जो देर होए , तो शिव को त्रिशूल पड़े, गुरु गोरखनाथ की दुहाई फिरै ।।

अमुक के स्थान पर जिस लड़की का विवाह न हो रहा हो उसका नाम लिख सकते है !

— 
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करे तांत्रिक स्नान

करे तांत्रिक स्नान 

रोज नहाते समय करें 1 छोटा सा तांत्रिक उपाय,हो जाएंगे मालामाल
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 अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन नहाना बहुत आवश्यक है लेकिन नहाते समय यदि एक छोटा उपाय करने से आपकी आर्थिक स्थिति भी सुधर जाए तो फिर क्या बात है। जी हां नहाते समय यदि एक छोटा सा तांत्रिक उपाय कर लें तो धन संबंधी मामलों की रुकावटें समाप्त हो जाती हैं।
धन संबंधी मामलों में कई बार हम ईमानदारी से पूरी मेहनत करते हैं लेकिन सकारात्मक फल प्राप्त नहीं हो पाते हैं और पैसों की तंगी बढऩे लगती है। ऐसे में अक्सर मन ख्याल आता है कि मेहनत के बाद भी हमें उचित प्रतिफल प्राप्त क्यों नहीं हो रहा है। 
इसके पीछे ज्योतिषीय दोष हो सकते हैं या किसी की बुरी नजर का दोष भी हो सकता है। यदि कुंडली में किसी ग्रह दोष की बाधा है तो उसका उचित उपचार करना चाहिए। यहां एक ऐसा उपाय दिया जा रहा है जिससे बुरी नजर के दोष और कुंडली के दोषों में भी राहत मिलती है 
नहाने के पानी पर अपनी इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी अंगुली से त्रिभुज का निशान बनाएं। इसके बाद एक अक्षर का बीज मंत्र ह्रीं पानी पर लिखें। इस प्रकार प्रतिदिन नहाने से पहले यह उपाय करें। इस तांत्रिक उपाय है अत: इस संबंध में किसी प्रकार की शंका या संदेह नहीं करना चाहिए। अन्यथा उपाय का प्रभाव निष्फल हो जाता है।तंत्र शास्त्र के अनुसार तांत्रिक उपाय बहुत जल्दी असर दिखाने वाले होते हैं। यदि कोई व्यक्ति सही तरीके से इन उपायों का प्रयोग करें तो उसकी घर की दशा बदल सकती है। ऐसा ही एक चमत्कारी उपाय है नहाते समय करने का, इस उपाय के अनुसार जिस बाल्टी में हम नहाने का पानी लेते हैं उस पानी पर यह उपाय करना होगा 
इस उपाय से आपके आसपास की नकारात्मक शक्तियां निष्क्रीय हो जाती हैं और यदि आपके ऊपर किसी की बुरी नजर है तो वह भी उतर जाती है। इसके साथ ही कार्यों में आपको सफलता मिलने लगती है और मेहनत का सही फल प्राप्त होता है। इस उपाय के साथ ही इष्टदेवी-देवताओं का भी पूजन-अर्चन करते रहना चाहिए। 
यह तो तांत्रिक उपाय है लेकिन शास्त्रों के अनुसार नहाते समय देवी-देवताओं के नामों का या उनके मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है। यह उपाय भी बहुत ही लाभदायक होता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी फल भी प्राप्त होते हैं
यदि कोई व्यक्ति किसी नदी में स्नान करता है तो उसे पानी पर ऊँ लिखकर पानी में तुरंत डुबकी मार लेना चाहिए। इस उपाय से भी नदी में स्नान का अधिक पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा आपके आसपास की नेगेटिव एनर्जी भी समाप्त हो जाती है। 
शास्त्रों के अनुसार प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में नहाना श्रेष्ठ फल प्रदान करता है। इसी वजह से हमेशा स्नान सूर्योदय से पहले ही कर लेना चाहिए।
नहाने के बाद प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने से मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।यह तो तांत्रिक उपाय है लेकिन शास्त्रों के अनुसार नहाते समय देवी-देवताओं के नामों का या उनके मंत्रों का उच्चारण भी किया जा सकता है। यह उपाय भी बहुत ही लाभदायक होता है और इससे स्वास्थ्य संबंधी फल भी प्राप्त होते हैं 
नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी डालना चाहिए इसके बाद पूरे शरीर पर। इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है, इस प्रकार नहाने से हमारे सिर एवं शरीर के ऊपरी हिस्सों की गर्मी पैरों से निकल जाती है। 
काफी लोग नहाने से पहले शरीर की अच्छी मालिश करते हैं। मालिश से स्वास्थ्य और त्वचा दोनों को ही लाभ प्राप्त होता है। त्वचा की चमक बढ़ती है। इस संबंध में यह ध्यान रखना चाहिए कि मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर नहाना चाहिए।

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