दीपावली में अपनाये ये उपयोगी उपाय जो सुख समृद्धि बढ़ाये

1- धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य द्वार पर ‘ऊँ’ बनाने से धन आयेगा।
2- नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावाली को प्रातःकाल हाथी को गन्ना या मीठा खिलाने से अधिक तकलीफों से मुक्ति मिलती है।
3-दीपावली के दिन किसी भिखारी या गरीब को नौ किलो गेहूं का दान करें और अगले दिन मुख्य द्वार को रंगोली से सजाएं।
4-दीपावली पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता जाती है और लक्ष्मी आती है।
5-लक्ष्मी पूजन करते समय हकीक की भी पूजा कर उसे धारण करने से धन की वृद्धि होती है। ऋद्धि-सिद्धि के स्वामी गणेश और धन की देवी लक्ष्मी हैं। इन दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है। इस दिन इस यंत्र की स्थापना से घर में धन-सम्पत्ति की कमी नहीं रहती है।
6-दीपावली पर ‘श्री यंत्र’, कनकधारा ‘यंत्र’ और ‘कुबेर यंत्र’ की विधिवत स्थापना करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
7 -दीपावली की सुबह को गन्ने की जड़ को लाकर रात्रि को लक्ष्मी पूजन में इसकी भी पूजा करने से धन में लाभ मिलता है।
8-लक्ष्मी पूजा में 11 कौड़ियां लक्ष्मी पर चढ़ाएं। अगले दिन कौड़ियों को लाल रूमाल या लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें, धन में वृद्धि होती है।
9-दीपावली के दिन पति-पत्नी सुबह विष्णु मंदिर में एक साथ जाएं और वहां लक्ष्मी को वस्त्र चढ़ाएं, धन की कमी नहीं रहेगी।
10-लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी को कमल अर्पित करें और कमल गट्टे की माला से जाप करें, लक्ष्मी अधिक प्रसन्न होती है।
11-दीपावली के दिन अशोक के वृक्ष की जड़ का पूजन करने से धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
12-दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को पूए का भोग लगाकर उसे गरीबों में बांटने से चढ़ा हुआ कर्जा उतर जाता है।
13-दीपावली के दिन अपामार्ग की जड़ अपनी दाईं भुजा में बांधें, आर्थिक समस्याएं समाप्त होंगी।
14-दीपावली के दिन पानी का घड़ा लाकर रसोई घर में कपड़े से ढँककर रखने से घर में बरकत और खुशहाली रहेगी।
15-दीपावली के दिन इमली के पेड़ की टहनी काटकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखें- धन में वृद्धि होगी।
16-दीपावली के दिन सायंकाल को बरगद की जटा में गांठ लगा दें, ऐसा करने से अचानक धन मिलता है, धन मिलने के बाद उस गांठ को खोल दें।
17-दीपावली वाले दिन काली हल्दी को सिंदूर और धूप से पूजा के बाद से चांदी के दो सिक्के के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन के स्थान पर रखें तो आर्थिक समस्याएं नहीं रहेंगी।
18-दीपावली वाले दिन दोपहर के समय पीपल के पेड़ की छाया में खड़े होकर चीनी, दूध और घी मिलाकर उसे उस वृक्ष की जड़ में डालें, अभूतपूर्व आर्थिक समृद्धि होगी।
19-यदि आप का पैसा कहीं फंस गया है तो दीपावली के दिन प्रातःकाल जल में लाल मिर्च के 21 बीज डालकर सूर्य को अर्पित करें। आप का फंसा हुआ पैसा निकल आयेगा।
20-दीपावली के अगले दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा तेल डालें और दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार के बीच में रख दें इससे सुख समृद्धि घर में सदा बनी रहेगी।
21-दीपावली के दिन श्यामा तुलसी के इर्द-गिर्द उगने वाली घास को पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखें आर्थिक समृद्धि होने लगेगी।
22-दीपावली के दिन सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक जलाएं और सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें। इससे सभी आर्थिक समस्याओं का अंत हो जायेगा।
23-दीपावली के दिन श्मशान में स्थित शिव मंदिर में जाकर दूध और शहद मिलाकर अभिषेक करें। सट्टे और शेयर बाजार से धन मिलेगा।
24-यदि आपके जीवन में कोई आर्थिक संकट की स्थिति चल रही हो, तो दीपावली के दिन एक मिट्टी के बर्तन में शहद भर लें तथा उसे ढँककर किसी सुनसान स्थान में गाड़कर आ जायें आपका संकट टल जायेगा।
25-दीपावली के दिन काली हल्दी के नौ दाने लेकर उन्हें रेशमी धागे में पिरोकर उसकी माला बना लें और धूप दीप दिखाएं फिर गले में धारण कर लें। यदि किसी तंत्र बाधा के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ गई होगी तो ठीक हो जायेगी।
26-दीपावली से पूर्व मंगलवार के दिन लाल चंदन, लाल गुलाब के पुष्प और रोली आदि को लाल कपड़े में बांधकर दीपावली की रात्रि को धन के स्थान या तिजोरी में रख दें धन में वृद्धि होगी।
27-दीपावली के दिन प्रातःकाल उठकर तुलसी के पत्तों की माला बनाकर श्री महालक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें, ऐसा करने से धन में वृद्धि होगी।
28-दीपावली के दिन काली मिर्च के दाने ‘क्लीं’ बीज मंत्र के जाप के साथ अपने तथा परिवार के सदस्यों के सिर पर घुमाकर दक्षिण दिशा में घर से बाहर फेंक दें, धन की वृद्धि होगी और शत्रु शांत हो जायेंगे।
29-दीपावली की रात्रि को हल्दी की 11 गांठ लें। इन्हें पीले कपड़े में बांधें। फिर लक्ष्मी-गणेश का संयुक्त फोटो अपने पूजा के स्थान पर रखें, घी का दीपक जलाएं। चंदन-पुष्प आदि चढ़ाएं इसके पश्चात् निम्न मंत्र का जाप 11 माला करें। मंत्र – ‘‘ऊँ वक्रतुंडाय हुँ’’।। फिर पीले कपड़े में बंधी हुई हल्दी की गांठों को निकालें और श्री-श्री का जाप करें और फिर धन के स्थान में रख दें। धन की कमी नहीं होगी।
30-दीपावली की शाम एक सुपारी व ताबें का एक सिक्का लेकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। रविवार को उसी पेड़ के पीपल का पत्ता लाकर कार्य स्थल पर गद्दी के नीचे या गद्दी के पास रख दें व्यापार में वृद्धि होगी।
31-दीपावली की रात्रि से शुरु कर लगातार 7 दिन महालक्ष्मी यंत्र के सम्मुख कमल गट्टे की माला से ‘ऊँ महालक्ष्म्यै’ नमः मंत्र का जाप 11 माला करें, अंतिम दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करायें, आर्थिक उन्नति होगी।
32-दीपावली के दिन से लगातार 51 दिनों तक एक रुपया किसी भी मंदिर में मां लक्ष्मी के नाम से अर्पित करें तथा धन वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें, धन की वृद्धि जरूर होगी।
33-दीपावली के अवसर पर यदि कोई हिजड़ा इनाम लेने आये, तो उसे श्रद्धानुसार 21, 35, 51 रूपये दें तथा एक सिक्का उससे लेकर या उससे स्पर्श करवाकर तिजोरी में रखें, धन की कमी वर्ष भर नहीं रहेगी।
34-दीपावली के दिन पीपल का एक पत्ता जो अख्ंाडित हो, प्रार्थना करके ले आयें, उसे पूजा स्थान में रखें। फिर प्रत्येक शनिवार को नया पत्ता लायें और पुराने पत्तों को पेड़ के नीचे रख आयें घर में लक्ष्मी का स्थाई वास रहेगा।
35-लक्ष्मी समुद्र की पुत्री हैं, समुद्र से उत्पन्न दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख एवं गोमती चक्र लक्ष्मी के भाई बंधु हैं। दीपावली की रात्रि से इन्हें घर में रखें और पूजन करें लक्ष्मी नहीं जायेंगी।
36-दीपावली के दिन झाड़ू खरीदकर लायें। पूजा से पहले उससे थोड़ी सी सफाई करें फिर उसे एक तरफ रख दें। अगले दिन से उस झाड़ू का प्रयोग करें। इससे दरिद्रता जायेगी और लक्ष्मी का आगमन होगा।
37-नरक चतुर्दशी को संध्या समय घर की पश्चिमी दिशा में खुले स्थान पर अथवा घर के पश्चिम में 14 दीपक पूर्वजों के नाम से जलाएं, उनके आशीर्वाद से समृद्धि होगी।
38-दीपावली के पांच पर्व होते हैं (धनतेरस, चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा, यम द्वितीया)। पांचों दिन दीपक (चार छोटे, एक बड़ा) जरूर जलाएं। दीपक रखने से पहले आसन बिछाएं फिर खील, चावल रखें तथा उस पर दीपक रखें। धन की वृद्धि सदा बनी रहेगी।
39-भाई दूज के दिन एक मुट्ठी अखंडित बासमती चावल को बहते जल में महालक्ष्मी को याद करते हुए छोड़ें, धन की वृद्धि बनी रहेगी।
40-दीपावली की रात्रि में काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतारें और घर की पश्चिम दिशा में फेंक दें, ऐसा करने से धन हानि बंद हो जायेगी।
रोज कार्यस्थल पर जाने से पहले निम्नलिखित मंत्र का एक माला जप करें ‘ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृह धनं पूरय पूरय चिन्तायै दूरय दूरय स्वाहा’’। इससे व्यवसाय में अद्भुत लाभ होगा।
41-एक चैकी पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर पारद लक्ष्मी जी को स्थापित करें, फिर 7 कौड़ियों को लक्ष्मी जी के ऊपर से उतारते हुए उनके चरणों में रखें। कौड़ियों को उतारते समय निम्न मंत्र का जाप करें। मंत्र: ‘‘ऊँ श्रीं ह्रीं महालक्ष्मी मम गृह आगच्छ स्थिर फट्’’।। इस उपाय से लक्ष्मी जी का स्थिर निवास रहेगा।
42-दीपावली के बाद पहली बार जब चंद्रमा दिखाई दे तो उस दिन से अगली पूर्णिमा तक हर रोज रात को केले के पŸो पर दही-भात (चावल) रखकर चंद्रमा को दिखाएं और फिर मंदिर में पुजारी को दे दें। इससे चंद्रमा अचानक धन देता है।
आंवले के फल में, गोबर में, शंख में, कमल में और सफेद वस्त्रों में लक्ष्मी का वास रहता है। इनका प्रयोग करें- आंवला सदा घर में या गल्ले में रखें।
43-दीपावली के दिन अपनी दुकान के गल्ले के नीचे काली गुंजा के दाने डालकर निम्न मंत्र का 5 माला जप करें और रोज महालक्ष्मी जी के सामने दीपक जलाएं। व्यवसाय में होने वाली हानि रुक जायेगी। ‘‘ऊँ ऐं ह्रीं विजय वर दाय देवी मम’’।
44-कमल के बीज के 108 दाने घी में डुबोकर एक-एक करके अग्नि में लक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए समर्पित करके आहुति दें। घर की दरिद्रता दूर हो जायेगी।
45-दीपावली की रात्रि एक चैकी पर लाल वस्त्र बिछाएं। गेहूं से उस पर स्वास्तिक बनायें, फिर उस पर एक थाली रखें फिर थाली में कुंकुम (कुमकुम) से ‘‘गं’’ लिखें उस पर श्वेतार्क गणपति श्रीफल व 7 कौड़ियां रखें। फिर चंदन की माला से निम्न मंत्र का जप करें। ‘‘ऊँ सर्व सिद्धि प्रदायेकित्व सिद्धि बुद्धि प्रदो भवः श्री’’। अगले दिन 5 कन्याओं को पीला भोजन कराएं। श्वेतार्क को घर में रखें शेष सामग्री जल में प्रवाहित कर दें।
दुकान के गल्ले में कमल के बीज के साथ श्री यंत्र रखें एवं रोज धूप दीप दिखाएं। धन की कमी नहीं रहेगी।
चैतीसा यंत्र सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है, इसे दीपावली की रात या रवि पुष्य नक्षत्र के दिन केसर से अनार की कलम से भोज पत्र पर लिखें। यंत्र लिखते समय लक्ष्मी जी के किसी मंत्र का जाप करते रहें, फिर घर या दुकान में रखें। लक्ष्मी जी का वास स्थाई रूप से रहेगा।
व्यापार वृद्धि के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र का उपयोग करना चाहिए। इसे दीपावली के दिन केसर से अनार की कलम से भोज पत्र पर बनाएं। इसमें एक वर्ग बनाकर 9 उपवर्ग बनाएं। पहली पक्ति में 8, 1, 6 दूसरी पंक्ति में 3, 6, 7 और तीसरी पंक्ति में 4, 9, 2 लिखें।

फिर इस यंत्र की रोज पूजा करें। इससे व्यापार में वृद्धि होगी, धन का आगमन होता रहेगा।

 

इन 51 उपयो  से कोई भी दो-तीन उपाय कर लेने से अभीष्ट लाभ की प्राप्ति हो सकती हैः

Published by Aacharya Rajesh Tamrakar

Rajesh Tamrakar is Assistant Professor Maharshi Mahesh Yogi Vaidic Vishwavidyalay .He work in Astrology, Vaastu Shastr 20 years.

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