जन्माष्टमी पर बन रहा है अद्भुत संयोग क्या फिर अवतार लेगे श्रीकृष्ण। …….
द्वापर युग के बाद होगा ऐसा, जन्माष्टमी पर 5057 साल बाद दुर्लभ संयोग:
इस बार 28 अगस्त को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी तिथि राशि और नक्षत्र के अनुसार बहुत ही खास है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक 5057 साल बाद जन्म अष्टमी पर तिथि, वार, नक्षत्र व ग्रहों के अद्भुत मेल का ऐसा संयोग बना है जो श्रीकृष्ण जन्म के समय द्वापर युग में बना था।
इस लिहाज से इस बार की जन्माष्टमी विशेष फलदायी होगी। इससे पहले सन 1932 और 2000 में भी बुधवार के दिन जन्म अष्टमी पड़ी थी। उस समय तिथि और नक्षत्र का मेल नहीं था लेकिन इस बार नक्षत्र, दिन, तिथि, लग्न सभी एक साथ विद्यमान रहेंगे। अष्टमी तिथि सूर्योदय से होने के कारण वैष्णव और शैव संप्रदाय इस पर्व को एक ही दिन मनाएंगे।
गीता में श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, अष्टम तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृषभ के चंद्रमा की मध्य रात्रि में होना बताया गया है।
28 अगस्त को भी अष्टमी तिथि पूरे दिन व रात रहेगी। दिन भी बुधवार का है तथा दोपहर 12.50 बजे से रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। चंद्रमा उच्च राशि वृषभ में रहेगा।
इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे 28 अगस्त को जन्म लेने वाले बच्चे प्रभावशाली रहेंगे।
जन्म लग्न व राशि वृष रहेगी, सूर्य व बुध की युति फलदायक है। इस दिन जन्म लेने वाला बच्चा श्रेष्ठ, बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान सहित अन्य गुणों में निपुण होगा।
जन्म लग्न व राशि वृष रहेगी, सूर्य व बुध की युति फलदायक है। इस दिन जन्म लेने वाला बच्चा श्रेष्ठ, बुद्धिमान, ज्ञानी, धनवान सहित अन्य गुणों में निपुण होगा।
इस वर्ष जन्माष्टमी के दिन तिथि, नक्षत्र एवं वार का संयोग ऐसा बन रहा है जैसे भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय बना था। लेकिन कुण्डली में ग्रहों की स्थिति कृष्ण जन्म के समान नहीं है। फिर भी इस दिन जन्म लेने वाले बच्चे बुद्घिमान और ज्ञानी होंगे। आर्थिक मामलों में संपन्न एवं कूटनीतिक विषयों के जानकार रहेंगे
—
—
Rajesh Tamrakar
Jyotish & Vastu Advisor
408/2C SBI colony
Single Story
Janki Nagar
Jabalpur.